Paanipat
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Paanipat
Number of Pages : 646
Published In : 2016
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-5135-5
Author: Vishwas Patil
Overview
सन् 1781 का पानीपत का तीसरा युद्ध लेखकों के साथ ही इतिहास-प्रेमियों के लिए भी कौतूहल का विषय रहा है। यह प्रीतिकार संयोग है कि मराठी के अग्रणी उपन्यासकार विश्वास पाटील ने इस चुनौती को स्वीकार किया और कलात्मक समग्रता और प्रतीकात्मकता के साथ ‘पानीपत’ की सर्जना की। पानीपत का विषय व्यक्ति-प्रधान न होकर राष्ट्र के जीवन की एक बहुत बड़ी युद्ध घटना है, जिसमें एक विशिष्ट कालखंड के सामाजिक एवं सांस्कृतिक अर्थबोध का समन्वय है। ‘पानी’ हर दृष्टि से एक जीवन्त प्रतिमान।
Price Rs 480/-
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सन् 1781 का पानीपत का तीसरा युद्ध लेखकों के साथ ही इतिहास-प्रेमियों के लिए भी कौतूहल का विषय रहा है। यह प्रीतिकार संयोग है कि मराठी के अग्रणी उपन्यासकार विश्वास पाटील ने इस चुनौती को स्वीकार किया और कलात्मक समग्रता और प्रतीकात्मकता के साथ ‘पानीपत’ की सर्जना की। पानीपत का विषय व्यक्ति-प्रधान न होकर राष्ट्र के जीवन की एक बहुत बड़ी युद्ध घटना है, जिसमें एक विशिष्ट कालखंड के सामाजिक एवं सांस्कृतिक अर्थबोध का समन्वय है। ‘पानी’ हर दृष्टि से एक जीवन्त प्रतिमान।
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