1948 में इलाहाबाद में जनमी नासिरा शर्मा को साहित्य के संस्कार विरासत में मिले। फारसी भाषा साहित्य में एम.ए. करने के अतिरिक्त हिन्दी, उर्दू, फारसी, अँग्रेजी, पश्तो भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान तथा भारत के राजनैतिज्ञों और प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने जो साक्षात्कार किये, बहुत चॢचत गुए? ईरानी युद्धबन्दियों पर जर्मन व फ्रेंच दूरदर्शन के लिए बनीं फिल्मों में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। सर्जनात्मक लेखन के साथ ही वे स्वतन्त्र पत्रिकारिता में भी संलग्न रहीं।