8 अप्रैल 1928 को कोवाड ग्राम, जि़ला कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में जन्म. श्री देसाई चिन्तन-मनन और लेखन के साथ-साथ आजीवन कृषि कर्म में रत रहे. वे 1965 में बड़ौदा मराठी वाङमय परिषद् के, 1972 में साहित्य सम्मेलन, कल्याण के तथा 1977 में मुम्बई महानगर मराठी साहित्य सम्मेलन, गोरेगाँव के अध्यक्ष रहे। रणजित देसाई की लगभग दो दर्जन कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 5 उपन्यास, 6 कहानी-संग्रह, 2 चित्रपट-कथा और 10 नाटक हैं। ‘माँझा गाँव’, ‘स्वामी’, ‘श्रीमान योगी’ और ‘राधेय’ (उपन्यास); ‘कणव’, ‘कातल’ (कथा-संग्रह) तथा ‘तानसेन’, ‘कांचनमृग’, ‘रामशास्त्री’ और ‘स्वामी’ (नाटक) उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं। ‘स्वामी’ उपन्यास के लिए महाराष्ट्र राज्य एवं हरिनारायण आपटे पुरस्कार तथा साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित श्री देसाई 1973 में ‘पद्मश्री’ की उपाधि से अलंकृत हुए।