ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित और साहित्य अकेदमी की 'फेलो' तथा उर्दू की महान कथाकार कुर्तुलएन हैदर (जन्म : 1927) को साहित्यिक सृजनात्मक विरासत में मिली. उनके पिता सज्जाद हैदर यल्दराम और माँ नज़र सज्जाद हैदर दोनी ही उर्दू के विख्यात लेखक थे. कई दशक पहले उनके क्लासिक उपन्यास 'आग का दरिया' की जिस धूमधाम से स्वागत हुआ था उसकी गुंज आज तक सुनाई पड़ती है. इसके बाद उनके कई उपन्यास और निकले जिनमे उनकी मानवीय संवेदना प्रखर होती गयी उनके उपन्यास सामान्यतः हमारे लम्बे इतिहास की पृष्ठभूमि में आधुनिक जीवन की जटिल परिसिस्थितियों को अपने में समाये हुय, समय के साथ बदलते मानव सम्बन्धों के जीते - जागते दस्तावेज है 'चाँदनी बेगम' उनका नवीनतम उपन्यास है उपन्यासों की अतिरिक्त उनके 4 कहानी संग्रह और 4 उपन्यासिकाए भी उनकी संवेदनशीलता और शिल्प सौष्ठव के परिचायक है उनके कहानी संग्रह 'पतझड़ की आवाज़ पर उन्हें साहित्य अकेदमी ने सम्मानित किया था.