इतिहासपरक कथालेखन के माध्यम से आधुनिक मराठी में अपना एक विशिष्ट स्थान रखनेवाले नागनाथ इनामदार (जन्म : 1923, जिला सांगली, महाराष्ट्र) ने नागपुर विद्यापीठ के अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की। साहित्यिक क्षेत्र में दस वर्ष तक अनवरत लेखन-कार्य के बाद 1962 में मराठी में उनका पहला ऐतिहासिक उपन्यास झेप प्रकाशित हुआ। अननतर झुंज (1966), मन्त्रावेगला (1969), राऊ (1972), शहेनश्हा (1976), शिकस्त (1983) और राजेश्री (1986) उपन्यास प्रकाशित हुए। श्री इनामदार अनेक शासकीय, साहित्यिक तथा सांस्कृतिक संस्थानों से पुरस्कृत एवं सम्मानित हुए हैं।