जन्म : 15.02.1949, मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में। शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. डी.लिट्.। 1970 ई. से विश्वविद्यालयों में अध्यापन, तीन वर्ष शिल्पाकार्न विश्वविद्यालय (बैंकाक) में संस्कृत के अतिथि आचार्य। 42शोधछात्रों का पी-एच.डी. उपाधि के लिये सफल निर्देशन। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में पाँच वर्ष कुलपति। प्रकाशन : संस्कृत, अँग्रेज़ी तथा हिन्दी में 162 ग्रन्थ तथा 223 शोधलेख/समीक्षात्मक लेख प्रकाशित। पुस्तकों में आदिकवि वाल्मीकि (दो संस्करण), संस्कृत कविता की लोकधर्मी परंपरा (तीन संस्करण), संस्कृत काव्यशास्त्र और काव्यपरंपरा (दो संस्करण), नाट्यशास्त्रविश्वकोश ( दो संस्करण), बहस में स्त्री, नया साहित्य नया साहित्यशास्त्र, भारतीय काव्यशास्त्र की आचार्यपरंपरा आदि उल्लेख्य। हिन्दी में दो उपन्यास तथा तीन कहानी संग्रह व अनेक नाटक प्रकाशित, नाटकों में कुछ ब.व. कारंत, देवेंद्रराज अंकुर आदि प्रतिष्ठित रंगकर्मियों द्वारा खेले गये। संस्कृत में तीन मौलिक उपन्यास, दो कहानी संग्रह तथा तीन पूर्णाकार नाटक और एक एकांकीसंग्रह प्रकाशित। अनेक काव्यों व नाटकों के संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद। राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर के पैंतीस पुरस्कार व सम्मान। संस्कृत साहित्य को इनके रचनात्मक अवदान पी-एच.डी.हेतु बीस से अधिक शोधकार्य हुए हैं और उनके अतिरिक्त सात पुस्तकें व दो पत्रिकाओं के विशेषांक इनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाशित हैं।