जन्म : 14 जून, खरगोन (म.प्र.)। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एम.ए. हिन्दी साहित्य (विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में स्थान), पीजीडीसीए। फिलहाल म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण में कार्यरत। एक कविता-संग्रह जहाँ भी हो जरा-सी सम्भावना भारतीय ज्ञानपीठ से वर्ष 2012 में प्रकाशित एवं इसी कविता-संग्रह की पांडुलिपि पर भारतीय ज्ञानपीठ का नवलेखन पुरस्कार प्राप्त। साथ ही म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन का प्रतिष्ठित वागीश्वरी सम्मान। हिन्दी की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ एवं कहानियाँ प्रकाशित व चॢचत। आधा दर्जन अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य संकलनों में कविताएँ शामिल। अब तक कुल आठ कहानियाँ हिन्दी साहित्य की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं यथा हंस, कथादेश, नया ज्ञानोदय, आकार, बहुवचन, बया, परिकथा एवं लमही में प्रकाशित व चॢचत। कविताओं व कहानियों का भारतीय भाषाओं यथा मराठी, तेलुगु में अनुवाद प्रकाशित। स्थानीय और लोकप्रिय पत्रों में सांस्कृतिक एवं समसामयिक विषयों पर आलेख प्रकाशित। ब्लाँग लेखन में सक्रिय।