प्रेमचंद (1880-1936) का जन्म बनारस के निकट लमही गाँव में हुआ था! स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद अनेक प्रकार के संघर्षो से गुजरते हुए उन्होंने बी.ए. की पढाई पूरी की. इक्कीस वर्ष की उम्र में उन्होंने लिखना प्रारंभ किया. लेखन की शुरुआत उर्दू में नवाब राय नाम से किया और 1910 में उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का पहला संकलन 'सोजेवतन नाम से प्रकाशित हुआ! इस संकलन को ब्रिटिश सरकार ने जब्त करवा दिया! इसके बाद उनके जीवन में नया मोड़ आया! अपने लेखन का माध्यम उन्होंने हिंदी भाषा को बनाया और प्रेमचंद नाम से लिखना शुरू किआ आगे चलकर वही नाम भारतीय कथा-साहित्य में अमर हुआ ! प्रेमचंद ने 1920 तक सरकारी नौकरी की! इसी समय उपनिवेशवादी ब्रिटिश शासन के विरुद्ध पूरे देश में सत्याग्रह शुरू हुआ! जिसका उनके मन पर गहरा असर हुआ और उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया. प्रेमचंद ने 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की और 1930 से 'हंस' नामक पत्रिका का सम्पादन प्रकाशन शुरू किया. प्रेमचंद ने लगभग तीन सौ कहानियाँ लिखी है. इनके अलावा अनेक उपन्यास और वैचारिक निबंध लिखे ! गोदान सेवासदन प्रेमाश्रम गबन रंगभूमि कर्मभूमि निर्मला आदि उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं प्रेमचंद विविध प्रसंग उनके वैचारिक लेखो का संकलन है.