Rangabhoomi
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Rangabhoomi
Number of Pages : 484
Published In : 2019
Available In : Paperback
ISBN : 9789326351690
Author: Premchand
Overview
प्रेमचन्द (1880-1936) का जन्म बनारस के निकट लमही गाँव में हुआ था। स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद अनेक प्रकार के संघर्षों से गुजरते हुए उन्होंने बी.ए. की पढ़ाई पूरी की। इक्कीस वर्ष की उम्र में उन्होंने लिखना प्रारम्भ किया। लेखन की शुरुआत उर्दू में नवाब राय नाम से किया और 1910 में उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का पहला संकलन 'सोज़ेवतन’ नाम से प्रकाशित हुआ। इस संकलन को ब्रिटिश सरकार ने जब्त करवा दिया। इसके बाद उनके जीवन में नया मोड़ आया। अपने लेखन का माध्यम उन्होंने हिन्दी भाषा को बनाया और 'प्रेमचन्द’ नाम से लिखना शुरू किया। आगे चलकर यही नाम भारतीय कथा-साहित्य में अमर हुआ। प्रेमचन्द ने 1920 तक सरकारी नौकरी की। इसी समय उपनिवेशवादी ब्रिटिश शासन के विरुद्ध पूरे देश में सत्याग्रह शुरू हुआ जिसका उनके मन पर गहरा असर हुआ और उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। प्रेमचन्द ने 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की और 1930 से 'हंस’ नामक ऐतिहासिक पत्रिका का सम्पादन प्रकाशन शुरू किया। प्रेमचन्द ने लगभग तीन सौ कहानियाँ लिखी हैं। इनके अलावा अनेक उपन्यास और वैचारिक निबन्ध लिखे। गोदान, सेवासदन, प्रेमाश्रम, गबन, रंगभूमि, कर्मभूमि, निर्मला आदि उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं। 'प्रेमचन्द : विविध प्रसंग’ उनके वैचारिक लेखों का संकलन है।
Price Rs 200
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