Kshitij Ke Us Par Se
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Number of Pages : 246
Published In : 2018
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-5465-3
Author: Vijay Sharma
Overview
व्यक्ति सर्वाधिक ज्ञान और संवेदना अपने बचपन में ग्रहण करता है। बचपन में सुनी हुई बातें, बचपन की यह दुनिया उसके मन पर अमिट छाप डालती है, अगर वह बच्चा आगे चल कर रचनाकार बना तो उसके सृजन की खान यही अनुभव बनते हैं। नोबेल पुरस्कृत लेखकों का जीवन और लेखन इसका गवाह है। होसे सारामागो के नाना उन्हें बचपन में प्रेम, मृत्यु, डरावनी, अनोखी लोक कथाएँ सुनाते थे। अपने पूर्वजों की बातें बताते थे। ये उनके लिए लोरी का काम भी करतीं। क्लेजियो अपने पुरखों के विद्रोह, साहस की गाथा सुन कर बड़े हुए। अपने एक साहसी और विद्रोही पूर्वज से उन्हें प्रेरणा मिली, उसे उन्होंने अपना एक नायक बनाया। गैब्रियल गार्षा मार्केस ने बचपन में अपनी नानी तथा कई अन्य स्त्रियों से कहानियाँ सुनी। इन कहानियों में लोक होता था, विश्वास होता था, भूत-प्रेत होते थे और होता था कल्पना का विपुल संसार। मार्केस बाद में खुद विपुल संसार रचते हैं। प्रस्तुत पुस्तक साहित्य के नोबेल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकारों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केन्द्रित है, जो पाठकों न सिर्फ पाठकों का ज्ञानवृद्धि करता है बल्कि प्रेरणा भी देता है।
Price Rs 380/-
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