Hindi Sahitya Ka Aadha Itihas
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Number of Pages : 320
Published In : 2016
Available In : Hardbound
ISBN : 8126307919
Author: Dr. Suman Raje
Overview
"हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास इतिहास के प्रति उदासीनता के इस युग में 'आधा इतिहास’ का प्रकाशन एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है। पिछले कई दशकों में साहित्येतिहास को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए गये, जिसके जवाब में भिन्न वैचारिक धरातलों के विभिन्न लेखकों को जुटाकर सहयोगी-लेखन का विकल्प तलाशा गया। ऐसे निरासक्त समय में महिला-लेखन को लेकर लिखा गया यह साहित्येतिहास सम्भवत: किसी भी भारतीय भाषा में लिखी गयी पहली कृति है। लेखिका इसे 'आधा इतिहास’ कहने पर जोर देती है, परन्तु यह आधा होना इसका आकार नहीं एक दृष्टिï है, दर्शन है जो 'पूर्ण’ के रू-ब-रू है। इसलिए पहली बार वैदिक ऋषिकाएँ, बौद्ध थेरियाँ, प्राकृत गाथाकार, संस्कृत कवयित्रियाँ और नव्य भारतीय भाषाओं की भक्त, सन्त, रानियाँ और वेश्याएँ सब-की-सब दर्द की एक रेखा पर खड़ी होकर अपनी और जग की बात करती हुई सुनी जा सकती है। यह पहली बार है कि लोकगीतों को महिला-लेखन का साक्ष्य मानते हुए उसे इतिहास में दर्ज किया गया है, उसमें इतिहास तलाशा गया है और जन-इतिहास की खोज की गयी है। और यह भी पहली बार है कि महिला-लेखन का एक समूचा साँस लेता हुआ सौन्दर्यशास्त्र भी हमें हासिल हुआ है। डॉ. सुमन राजे दशकों से साहित्येतिहास लेखन में कार्यरत हैं और जरूरी औजारों से लैस हैं। उनका उपयोग इस कृति में भरपूर किया भी गया है, पर वे पाठ को बोझिल नहीं बनाते। हिन्दी साहित्य का यह आधा इतिहास महिला-लेखन के बने-बनाये पूर्वाग्रहों को तोड़ता है, साँचों को नकारता है, मिथकों को बदलता है और एक नये रचना-कर्म का आविष्कार करता है। यह लेखन का ब्यौरा नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण हिन्दी साहित्येतिहास के पुनर्विचार, परिष्कार, परिशोधन और पुनर्लेख का प्रस्ताव है। "
Price Rs 320/-
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