Doosra Saptak
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Doosra Saptak
Number of Pages : 176
Published In : 2012
Available In : Paperback
ISBN : 978-81-263-4082-8
Author: Ajneya
Overview
यह संग्रह ऐतिहासिक है। एक अर्थ में ‘तार सप्तक’ से भी अधिक, क्योंकि जहाँ ‘तार सप्तक’ के सभी कवियों का अपने परवर्तियों का प्रभाव अलग-अलग देखा जा सकता था, वहाँ ‘दूसरा सप्तक’ के कवियों ने समसामयिक काव्य की प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व किया और उनका प्रभाव अपने समय के काव्य पर पड़ा। आज भी अनेक काव्यप्रेमियों में इस संग्रह की कविताएँ आधुनिक हिंदी कविता के उस रचनाशील दौर की स्मृतियाँ जगाएँगी जब भाषा और अनुभव दोनों में नये प्रयोग एक साथ एक कर सकना ही कवि-कर्म को सार्थक बनाता था। निस्सन्देह ये कविताएँ अपने में तृप्तिकर हैं—उनके लिए जिन्हें अब भी कविता पढऩे का समय है। साथ ही, इस संग्रह की विचारोत्तेजक और विवादास्पद भूमिका को पढऩा भी अपने में एक ताजा बौद्धिक अनुभव आज भी है।
Price Rs 180/-
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यह संग्रह ऐतिहासिक है। एक अर्थ में ‘तार सप्तक’ से भी अधिक, क्योंकि जहाँ ‘तार सप्तक’ के सभी कवियों का अपने परवर्तियों का प्रभाव अलग-अलग देखा जा सकता था, वहाँ ‘दूसरा सप्तक’ के कवियों ने समसामयिक काव्य की प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व किया और उनका प्रभाव अपने समय के काव्य पर पड़ा। आज भी अनेक काव्यप्रेमियों में इस संग्रह की कविताएँ आधुनिक हिंदी कविता के उस रचनाशील दौर की स्मृतियाँ जगाएँगी जब भाषा और अनुभव दोनों में नये प्रयोग एक साथ एक कर सकना ही कवि-कर्म को सार्थक बनाता था। निस्सन्देह ये कविताएँ अपने में तृप्तिकर हैं—उनके लिए जिन्हें अब भी कविता पढऩे का समय है। साथ ही, इस संग्रह की विचारोत्तेजक और विवादास्पद भूमिका को पढऩा भी अपने में एक ताजा बौद्धिक अनुभव आज भी है।