Bazme-Zindagi: Range-Shairi

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Bazme-Zindagi: Range-Shairi

Number of Pages : 232
Published In : 2014
Available In : Paperback
ISBN : 978-81-263-3059-1
Author: Firaq Gorakhpuri

Overview

पचास वर्ष से अधिक की फ़िराक की काव्य-यात्रा से चुने हुए रत्नों के इस संकलन ‘बज़्में जि़न्दगी : रंगे शायरी’ के बारे में स्वयं फ़िराकसाहब ने कहा था : ‘‘...जिसने इसे पढ़ जिया, उसने मेरी शायरी का हीरा पा लिया।’’ इस संकलन में वे $गज़लें हैं जिन्होंने फ़िराकको एक ओर मीर और $गालिब का समकक्ष और दूसरी ओर गज़ल के रंग और परिवेश को नया रूप देनेवाला क्रान्तिकारी कवि बनाया; वे रूबाइयाँ हैं जिन्होंने एक नारी के रूप और सौन्दर्य की भारतीय छवियों को तथा जीवन-दर्शन के सर्वोच्च शिखरों का स्पर्श करनेवाले चिन्तन को मार्मिक अभिव्यक्ति दी; और वे नज़्में हैं जो नवजागरण के शंखनाद के साथ-साथ फ़िराकके जीवन-अनुभवों और व्यापक दृष्टिकोण की दर्पण हैं। इस अनूठे संग्रहका नये रूप और साज-सज्जा में प्रकाशित यह संस्करण शायरी के सुधी पाठकों को समर्पित है।

Price     Rs 180/-

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पचास वर्ष से अधिक की फ़िराक की काव्य-यात्रा से चुने हुए रत्नों के इस संकलन ‘बज़्में जि़न्दगी : रंगे शायरी’ के बारे में स्वयं फ़िराकसाहब ने कहा था : ‘‘...जिसने इसे पढ़ जिया, उसने मेरी शायरी का हीरा पा लिया।’’ इस संकलन में वे $गज़लें हैं जिन्होंने फ़िराकको एक ओर मीर और $गालिब का समकक्ष और दूसरी ओर गज़ल के रंग और परिवेश को नया रूप देनेवाला क्रान्तिकारी कवि बनाया; वे रूबाइयाँ हैं जिन्होंने एक नारी के रूप और सौन्दर्य की भारतीय छवियों को तथा जीवन-दर्शन के सर्वोच्च शिखरों का स्पर्श करनेवाले चिन्तन को मार्मिक अभिव्यक्ति दी; और वे नज़्में हैं जो नवजागरण के शंखनाद के साथ-साथ फ़िराकके जीवन-अनुभवों और व्यापक दृष्टिकोण की दर्पण हैं। इस अनूठे संग्रहका नये रूप और साज-सज्जा में प्रकाशित यह संस्करण शायरी के सुधी पाठकों को समर्पित है।
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