Nagmandal
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Nagmandal
Number of Pages : 78
Published In : 2015
Available In : Paperback
ISBN : 978-81-263-3080-5
Author: Girish Karnad
Overview
गिरीश कार्नाड का बहुचर्चित नाटक ‘नागमण्डल’ दक्षिण भारत में प्रचलित लोककथा पर आधारित है। भारतीय आख्यानों में नाग का इच्छित रूप धारण कर लेना एक जनप्रिय एवं रोचक कथावस्तु रही है। इस नाटक में कार्नाड ने नाग को पुरुष के विकृत भावों का प्रतीक मानकर नारी के असहाय-बोध को उजागर किया है। पति-पत्नी की मानसिकता और बढ़ते हुए निरन्तर अन्तद्वँन्द्व को बड़े नाटकीय एवं तर्कसंगत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। अभिनय और संवाद की दृष्टि से गिरीश कार्नाड का यह नाटक बहुत सफल माना गया है।
Price Rs 80/-
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गिरीश कार्नाड का बहुचर्चित नाटक ‘नागमण्डल’ दक्षिण भारत में प्रचलित लोककथा पर आधारित है। भारतीय आख्यानों में नाग का इच्छित रूप धारण कर लेना एक जनप्रिय एवं रोचक कथावस्तु रही है। इस नाटक में कार्नाड ने नाग को पुरुष के विकृत भावों का प्रतीक मानकर नारी के असहाय-बोध को उजागर किया है। पति-पत्नी की मानसिकता और बढ़ते हुए निरन्तर अन्तद्वँन्द्व को बड़े नाटकीय एवं तर्कसंगत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। अभिनय और संवाद की दृष्टि से गिरीश कार्नाड का यह नाटक बहुत सफल माना गया है।