Kitni Navon Mein Kitni Baar
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Kitni Navon Mein Kitni Baar
Number of Pages : 100
Published In : 2009
Available In : Hardbound
ISBN : 9788126317219
Author: Ajneya
Overview
"कितनी नावों में कितनी बार ज्ञानपीठ पुरस्कार (1978) से सम्मानित 'कितनी नावों में कितनी बार’अज्ञेय की 1962 से 1966 के बीच रचित कविताओं का संकलन है। यों तो अज्ञेय की कविताओं के किसी भी संग्रह के लिए कहा जा सकता है कि वह उनकी जीवन-दृष्टि का परिचायक है, किन्तु प्रस्तुत संग्रह इस रूप में विशिष्टï है कि अज्ञेय की सतत सत्य-सन्धानी दृष्टिï की अटूट, खरी अनुभूति की टंकार इसमें मुख्य रूप से गूँजती है। मनुष्य की गति और उसकी नियति की ऐसी पकड़ समकालीन हिन्दी कविता में अन्यत्र दुर्लभ है। "
Price Rs 100/-
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"कितनी नावों में कितनी बार ज्ञानपीठ पुरस्कार (1978) से सम्मानित 'कितनी नावों में कितनी बार’अज्ञेय की 1962 से 1966 के बीच रचित कविताओं का संकलन है। यों तो अज्ञेय की कविताओं के किसी भी संग्रह के लिए कहा जा सकता है कि वह उनकी जीवन-दृष्टि का परिचायक है, किन्तु प्रस्तुत संग्रह इस रूप में विशिष्टï है कि अज्ञेय की सतत सत्य-सन्धानी दृष्टिï की अटूट, खरी अनुभूति की टंकार इसमें मुख्य रूप से गूँजती है। मनुष्य की गति और उसकी नियति की ऐसी पकड़ समकालीन हिन्दी कविता में अन्यत्र दुर्लभ है। "
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