Aane Wale Kal Par
view cart- 0 customer review
Aane Wale Kal Par
Number of Pages : 160
Published In : 2011
Available In : Hardbound
ISBN : 9788126330867
Author: Sudhanshu Upadhyaya
Overview
"आने वाले कल पर सुधांशु उपाध्याय के गीतों का यह तीसरा संकलन है। इस संकलन के गीतों में अपने समय का जीवन अपने पूरे वैविध्य के साथ रूपायित है। इसमें स्वयं को नीलाम करता आदमी है, जंगल में लकड़ी की तरह टूट-टूट जाने वाली आदिवासी औरतें हैं, छत के कुंडे से लटक गयी छोटी-सी लव स्टोरी है, उजाले को नोच-नोच कर खा रही एक लम्बी काली रात है। तहखाने में बैठा दिन है, छूरियों की नोक पर खड़े, सपनों का चिथड़ा सहेजते लोग हैं, मिथुन-मूर्तियों से सजे सत्ता के गलियारे हैं, रईसों के घर हैं। तात्पर्य यह कि इन गीतों में वह सब कुछ है जिसे हम आज के जीवन की लय कह सकते हैं। ...वस्तुत: यह सम्पूर्ण जीवन-विस्तार, जिसमें हम जी रहे हैं, एक मौन कविता है जिसे शब्द की $जरूरत है। एक सन्नाटा है जो मुखर होना चाहता है। सुधांशु की सहानुभूति उन लोगों के साथ ज़्यादा गहरी है जो इतने विवश हैं कि 'आह’भी नहीं भर सकते। इस सन्दर्भ में 'लड़की जि़न्दा है’और 'अम्मा : एक कथा-गीत’शीर्षक कविताएँ उल्लेखनीय हैं। सहजता में गहरी अर्थ सांकेतिकता सुधांशु की कविताओं की विशेषता है। आज सत्ता और पूँजी के रेशमी जाल में सामान्य जन-जीवन $ज्यादा जटिल संघर्ष-चक्र में छटपटा रहा है, कवि की अपनी निजी वेदनाएँ भी हैं जिनके शब्द-चित्र उसके गीतों में मौजूद हैं, फिर भी वह अपने सपनों को सहेजे हुए चल रहा है। आने वाले कल पर उसका भरोसा है और रेत में भटके हुए का$िफलों को वह सोचने के लिए प्रेरित करता है। यह भविष्य-दृष्टि न केवल उसके इन गीतों को शक्ति देगी बल्कि आगे भी उसे सर्जनारत रहने की प्रेरणा देती रहेगी। "
Price Rs 160/-
Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Kavitayen Bachchan Ki (Chayan Amitabh Bachchan Ka)
"कविताएँ बच्चन की : चयन अमिताभ बच्चन
Sanson Ke Prachin Gramophone Sarikhe Is Baje Par
ये प्रलाप वास्तव में प्रलाप नहीं बल्