Satrah Kahaniyan

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Satrah Kahaniyan

Number of Pages : 128
Published In : 2018
Available In : Hardbound
ISBN : 9788126320622
Author: Amrita Pritam

Overview

दर्द और दीवानगी के कुछ लम्हे ऐसे होते हैं, जिन्हें जिन्दगी का किरदार झेल नहीं पाता, लेकिन कहानी का विस्तार उसे झेल लेता है... कई बार कोई आवाज, एक कम्पन से बढ़कर कुछ नहीं कह पाती, उस बेगाना दर्द को लफ्जों में ढालना है, तो कहानीकार का भी बहुत कुछ पिघलकर उसके साथ ढलने लगता है... कहानी हर बार किसी नये कोण से दस्तक देती है... कई बार एक टूटी-सी चीख की तरह... बहुत पहले ऐसे ही कुछ एहसास भोजपत्रों को मिले होंगे और उससे भी पहले पत्थरों, शिलाओं ने कुछ लकीरों में सँभाल लिये होंगे फिर भी तब से लेकर आज तक जाने कितनी कहानियाँ बहती हुई हवा के बदन पर लिखी जाती हैं, जो वक्त से बेगाना हो जाती हैं... ये थोड़े से हरफ जो साँसों से निकलकर दामन पर गिर गये, बस वही तो हैं...

Price     Rs 120/-

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दर्द और दीवानगी के कुछ लम्हे ऐसे होते हैं, जिन्हें जिन्दगी का किरदार झेल नहीं पाता, लेकिन कहानी का विस्तार उसे झेल लेता है... कई बार कोई आवाज, एक कम्पन से बढ़कर कुछ नहीं कह पाती, उस बेगाना दर्द को लफ्जों में ढालना है, तो कहानीकार का भी बहुत कुछ पिघलकर उसके साथ ढलने लगता है... कहानी हर बार किसी नये कोण से दस्तक देती है... कई बार एक टूटी-सी चीख की तरह... बहुत पहले ऐसे ही कुछ एहसास भोजपत्रों को मिले होंगे और उससे भी पहले पत्थरों, शिलाओं ने कुछ लकीरों में सँभाल लिये होंगे फिर भी तब से लेकर आज तक जाने कितनी कहानियाँ बहती हुई हवा के बदन पर लिखी जाती हैं, जो वक्त से बेगाना हो जाती हैं... ये थोड़े से हरफ जो साँसों से निकलकर दामन पर गिर गये, बस वही तो हैं...
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