Rekhayen Dukh Ki
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Rekhayen Dukh Ki
Number of Pages : 88
Published In : 2011
Available In : Hardbound
ISBN : 978-81-263-1943-5
Author: Vishnuchandra Sharma
Overview
वरिष्ठ रचनाकार विष्णुचंद्र शर्मा जिन अनुभवों को अपनी रचनाओं में रचते हैं वे प्रचलित पद्धति से नितान्त हटकर होते हैं। ये अनुभव एक ऐसे व्यक्ति के हैं जिसने जीवन को उसकी सम्पूर्ण ऊष्मा और सदाशयता के साथ जिया है। ‘रेखाएँ दु:ख की’ में उपस्थित दो उपन्यासिकाएँ विष्णुचंद्र शर्मा के अनुभव संसार और अभिव्यक्ति कौशल को प्रकट करती हैं। ‘रेखाएँ दु:ख की’ और ‘बिगड़ी तस्वीरों का एलबम’ को अलग-अलग पढऩे के साथ मिलाकर भी पढ़ा जा सकता है। जीवन के यथार्थ का एक झीना-सा सूत्र दोनों उपन्यासिकाओं के मर्म को जोड़ देता है। जीवन-संघर्ष तो स्पष्टï है, बीच-बीच से कौंधती है एक अदम्य जिजीविषा। दोनों उपन्यासिकाएँ समकालीन समस्याओं से जूझती हैं और सांकेतिकता के श्रेष्ठï तत्त्वों से लाभ उठाते हुए विकसित होती हैं। आधुनिक जीवन की विसंगतियों का चित्रण निश्चित रूप से पाठकों को प्रभावित करेगा। संवाद शैली और छोटे-छोटे विवरणों के कारण ये उपन्यासिकाएँ विशेष बन गयी हैं। विष्णुचंद्र शर्मा के कविमन की यह कथात्मक अभिव्यक्ति पर्याप्त महत्त्वपूर्ण है।
Price Rs 120/-
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