Choonki Sawaal Kabhi
view cart- 0 customer review
Choonki Sawaal Kabhi
Number of Pages : 116
Published In : 2015
Available In : Hardbound
ISBN : 9789326352987
Author: Uma Shankar Choudhary
Overview
"चूँकि सवाल कभी खत्म नहीं होते उमा शंकर का कवि-व्यक्तित्व राजनीतिक रूप से काफी सजग है इसलिए वहाँ वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और समाज में हो रहे बदलाव का प्रतिफलन साफ-साफ प्रतिबिम्बित होता है। बिम्बों में कवि कभी बेचैन दिखता है तो कभी उसकी व्यंग्य की धार पैनी हो जाती है। इन कविताओं से गुजरते हुए ऐसा लगता है जैसे राजनीतिक-सामाजिक स्तर पर जो रहस्य और भ्रम हमारे सामने फैला दिये गये हंै, कम-से-कम हम उनसे रूबरू अवश्य हो रहे होते हैं। उमा शंकर चैधरी की कविता भीड़ में खड़े आम आदमी के भीतर चल रही हलचल का बयान बनकर आती हैं। 'छोटी बातों पर प्रधानमंत्री’बिल्कुल एक आम आदमी की छोटी-छोटी कामनाओं से बुनी कविता है। पाठक इसे आम आदमी का साधारण बयान या ख्वाब समझने लगते हैं, कवि तटस्थता के साथ सामने खड़ा हो जाता है और कहता है—सच कुछ भी नहीं है, सच कहीं भी नहीं है, अब सिर्फ षडयंत्र है। इन कविताओं में समाज, राजनीति, स्थूल-सूक्ष्म सभी अनुभवों का एक व्यापक कोलाज है। 'बच्ची बच्ची नहीं एक स्त्री है’यह पुरुष का एक माफीनामा है। आत्मग्लानि से भरी यह कविता हमारे समाज में फैले घिनौनेपन की ओर संकेत करती है और हमारी आंखों के सामने उन सभी परिजनों का चेहरा एकबारगी कौंध जाता है जो अपनी छोटी-सी बच्ची को एक सेक्स आब्ॅजैक्ट के रूप में देखने को मजबूर हैं। उमा शंकर के यहाँ शिल्प के स्तर पर दो प्रयोग देखे जा सकते हैं। राजनीतिक कविताएँ लिखते हुए वे जितने बेचैन होते हैं, वहीं सामाजिक कविताओं में उनके अनुभव अपनी बेहद सूक्ष्म बुनावट में दिखाई देते हैं। "
Price Rs 150/-
Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Amarkant Ki Sampoorna Kahaniyan (Part II)
अमरकान्त का रचनाकाल 1954 से लेकर आज तक ह
Amarkant Ki Sampoorna Kahaniyan (Part I)
अमरकान्त का रचनाकाल 1954 से लेकर आज तक ह