Amoksha
view cart- 0 customer review
Amoksha
Number of Pages : 156
Published In : 2018
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-5597-1
Author: Dr. Pratibha Rai
Overview
ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त कथाकार प्रतिभा राय ओडिय़ा के समकालीन कथाकारों में सबसे अधिक जानीमानी और पढ़ी जानेवाली लेखिका हैं। उनकी कृतियाँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में नियमित रूप से सामने आती रही हैं। प्रतिभा राय की कहानियाँ और उपन्यास सामाजिक बुराइयों और अन्याय की जमकर निन्दा करते हैं। वे हमें अन्धी धार्मिकता के पीछे की बुराइयाँ दर्शाते हैं, जोकि मानव-बन्धुत्व के हमारे प्रयासों को नकारते हैं। यद्यपि सच्ची आध्यात्मिकता में विश्वास उनके लेखन ने हमेशा स्वीकारा है, उनकी बहुत सारी कहानियाँ रूढि़वादी परम्परा और अधिकारिता के दावों के बारे में सवाल उठाती दिखाई देती हैं। प्रतिभा राय की कहानियाँ जीवन की अन्तरंग अनुभूतियों से सराबोर तथा मानवता के पक्ष में हमेशा तटस्थ होकर खड़ी दिखाई देती हैं और जीवन के उतार-चढ़ाव, आशा-निराशा और उज्ज्वल भविष्य की कामना में रत मानव के जीवन-संघर्ष को व्याख्यायित करती हैं। इस संग्रह की कहानियाँ भी जीवन के इन्हीं रंगों को सामने लाती हैं। कहानियों का सजीव अनुवाद पाठकों को मूल रचना पढऩे का आनन्द देगा। सर्वथा पठनीय व संग्रहणीय कृति।
Price Rs 280/-
Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Amarkant Ki Sampoorna Kahaniyan (Part II)
अमरकान्त का रचनाकाल 1954 से लेकर आज तक ह
Amarkant Ki Sampoorna Kahaniyan (Part I)
अमरकान्त का रचनाकाल 1954 से लेकर आज तक ह