Shabd Bhi Hatya Karte Hain

view cart
Availability : Stock
  • 0 customer review

Shabd Bhi Hatya Karte Hain

Number of Pages : 112
Published In : 2012
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-5030-3
Author: Hridyesh

Overview

वरिष्ठ कथाकार हृदयेश अब भी न सिर्फ सृजनशील रचनाकार हैं, बल्कि कस्बाई पृष्ठभूमि पर कथा कहने का उनमें अच्छा माद्दा है। उनके उपन्यास ‘शब्द भी हत्या करते हैं’ के ऐसे अनेक पात्र हैं जो अपने समय और समाज का पूरा व्यक्तित्व स्वयं में समेटे हुए हैं। इस उपन्यास में विन्यस्त समकाल हमारे मौजूदा यथार्थ का मात्र प्रतिबिम्ब नहीं है, बल्कि इक्कीसवीं सदी के उस दारुण और नृशंस वर्तमान का दस्तावेज़ भी है जिसका राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक ठेकेदारों द्वारा अक्सर छद्म महिमामंडन किया जाता है। यह अकारण नहीं कि इन ठेकेदारों के पास इसके कई मुफीद बहाने हुआ करते हैं,जिनमें विचारधारा भी अक्सर एक ढाल बनकर उपस्थित होती है। ‘शब्द भी हत्या करते हैं’ में लेखक ने सभी प्रकार की विचारधाराओं पर मानवीयता को तरजीह दी है। अत्यन्त पठनीय और रोचक उपन्यास।

Price     Rs 130/-

Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.

वरिष्ठ कथाकार हृदयेश अब भी न सिर्फ सृजनशील रचनाकार हैं, बल्कि कस्बाई पृष्ठभूमि पर कथा कहने का उनमें अच्छा माद्दा है। उनके उपन्यास ‘शब्द भी हत्या करते हैं’ के ऐसे अनेक पात्र हैं जो अपने समय और समाज का पूरा व्यक्तित्व स्वयं में समेटे हुए हैं। इस उपन्यास में विन्यस्त समकाल हमारे मौजूदा यथार्थ का मात्र प्रतिबिम्ब नहीं है, बल्कि इक्कीसवीं सदी के उस दारुण और नृशंस वर्तमान का दस्तावेज़ भी है जिसका राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक ठेकेदारों द्वारा अक्सर छद्म महिमामंडन किया जाता है। यह अकारण नहीं कि इन ठेकेदारों के पास इसके कई मुफीद बहाने हुआ करते हैं,जिनमें विचारधारा भी अक्सर एक ढाल बनकर उपस्थित होती है। ‘शब्द भी हत्या करते हैं’ में लेखक ने सभी प्रकार की विचारधाराओं पर मानवीयता को तरजीह दी है। अत्यन्त पठनीय और रोचक उपन्यास।
Add a Review
Your Rating