Jagdeep Ji Ki Uttarkatha
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Jagdeep Ji Ki Uttarkatha
Number of Pages : 94
Published In : 2011
Available In : Hardbound
ISBN : 978-81-263-1930-5
Author: Rajendra Lahariya
Overview
राजघाट बाँध की डूब में बिला चुके मध्य प्रदेश के सिरसौद गाँव में 5 सितम्बर (शिक्षक दिवस) 1955 को जन्म। कुछ वर्ष तक प्रकाशन जगत से जुड़े रहने के बाद पिछले तीस वर्ष से पत्रकारिता से सम्बद्ध। प्रकाशन : अब तक लगभग तीस पुस्तकें प्रकाशित। प्रमुख हैं : ‘डूब’, ‘पार’, ‘पंचनामा’, ‘दे ताली’, ‘गैल और गन’ (उपन्यास); ‘बात बात में बात’, ‘तीन चित्रकथाएँ’, ‘बीच के बारह बरस’, ‘भार्या’ (कहानी-संग्रह); ‘बहस बीच में’ (व्यंग्य-संग्रह); ‘हास्य कथा बत्तीसी’ (किशोर कथाएँ); ‘अभिवादन और खेद सहित’ (फुटकर गद्य)। सम्पादन : ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता साहित्यकार’ और ‘सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ग्रन्थावली’। वीरेन्द्र जैन के साहित्य पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में कई शोधार्थियों द्वारा एम. फिल, पी-एच. डी.। पुरस्कार/सम्मान : प्रेमचन्द महेश सम्मान, अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार (म.प्र. साहित्य परिषद), श्रीकान्त वर्मा स्मृति सम्मान, निर्मल पुरस्कार, साहित्य कृति सम्मान (हिन्दी अकादमी, दिल्ली), वागीश्वरी पुरस्कार (म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन), बाल साहित्य पुरस्कार (हिन्दी अकादमी, दिल्ली), अखिल भारतीय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सम्मान। सम्प्रति : टाइम्स समूह के नवभारत टाइम्स में फीचर सम्पादक।
Price Rs 140/-
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