Saat Phere
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Saat Phere
Number of Pages : 830
Published In : 2012
Available In : Hardbound
ISBN : 978-81-263-4035-4
Author: Chandra Kishore Jayaswal
Overview
‘सात फेरे’ वरिष्ठ कथाकार चन्द्रकिशोर जायसवाल का अत्यन्त रोचक उपन्यास है। रोचक इस अर्थ में कि लेखक ने कथासाहित्य के अनिवार्य तत्त्व ‘किस्सागोई’ का समकालीन प्रवृत्तियों के अनुसार अद्भुत प्रयोग किया है। कथारस को स्थितियों और पात्रों से जोडक़र चन्द्रकिशोर जायसवाल ने ‘सात फेरे’ की रचना की है। यह उपन्यास एक तिहाजू व्यक्ति की कथा है जो फिर एक विवाह करना चाहता है। इस कार्य में उसका सहायक बनता है एक ‘विस्थापित पुरोहित’। दोनों कन्याखोजी अभियान में बार-बार निकलते हैं और अन्तिम फेरे से पहले भाँति-भाँति की दुर्दशा करवाकर घर वापस आते हैं। विवाहाभिलाषी अधेड़ व्यक्ति की मनोदशा के साथ बिहार के एक विशेष अंचल के समाजशास्त्र को लेखक ने छोटे-छोटे महत्त्वपूर्ण विवरणों के साथ प्रस्तुत किया है। उपन्यास में लोकजीवन और उसके विविध लिखित-अलिखित पक्षों का वृत्तान्त इतना पठनीय है कि पूरी रचना पढक़र ही पाठक को सन्तोष होता है। यह लेखकीय कुशलता है कि व्यंग्य-विनोद द्वारा आच्छादित कथा के बीच उसने स्मरणीय चरित्रों और विमर्शमूलक टिप्पणियों के लिए भी ‘स्पेस’ निकाल लिया है। ‘सात फेरे’ अद्भुत कथारस और विचित्र वर्णन पद्धति के लिए पाठकों की अपार प्रशंसा प्राप्त करेगा, ऐसा विश्वास है।
Price Rs 680/-
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