Do Murdon Ke Liye Guldasta
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Do Murdon Ke Liye Guldasta
Number of Pages : 280
Published In : 2016
Available In : Hardbound
ISBN : 978-81-263-5036-5
Author: Surendra Verma
Overview
उपभोक्ता समाज में जीने की एक ही शर्त है— अपनी किसी योग्यता को बाजार में बेच पाना। छोटे बाजार में छोटी कीमत, बड़े बाजार में ऊँची कीमत। ऊँची कीमत से ही सरप्लस, अधिशेष बनेगा और धन का संचय हो सकेगा। इससे सुख और ऊँची जीवन शैली तो प्राप्त हो जाती है, लेकिन बाजार अपनी पूरी कीमत वसूलता है। सुरक्षा और समृद्धि का सपना सँजोये शिक्षित-सुन्दर नील और अल्प-शिक्षित भोला अवसर और समृद्धि के महानगर मुम्बई पहुँचते हैं। भोला को अंडरवल्र्ड पनाह देता है तो नील मिसेज दस्तूर का शोध-सहायक बनता है। अंडरवल्र्ड भोला पर विश्वास बढ़ाता और भोला तरक्की करता जाता है। दो पैसे भी जोड़ता है। उधर सजीला, शालीन, ज़हीन नील असन्तुष्ट अधेड़ धनाढ्य महिलाओं के लिए पुरुष-वेश्या (जिगोलो) बन जाता है। उसका सितारा ऊँचा चढ़ता जाता है। सोमपुरिया सेठ की बेटी पारुल नील से प्रेम कर गर्भवती हो गयी और नील नैन के प्रेम में पागल। नील नैन से विवाह की सोचता है तो पारुल घराना उसे कुचल देता है। भोला के जरिए माफिया तक जाता है तो माफिया भी हत्या की सुपारी लेकर नील को मार डालता है। भोला हतप्रभ और सुन्न हो जाता है। साँस रोककर पढ़ी जानेवाली इस कथा में सफेदपोश अपराधी और माफिया दोनों हैं। दो जिन्दादिल मुम्बई गये थे—मुर्दा बनकर रह गये। उपन्यास ‘दो मुर्दों के लिए गुलदस्ता’में सुरेन्द्र वर्मा एक नयी कथाभूमि लेकर उपस्थित हुए हैं। यह कृति न केवल पाठकों को मोहेगी वरन चौंकाएगी भी।
Price Rs 300
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