Darashukoh

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Darashukoh

Number of Pages : 868
Published In : 2015
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-4089-7
Author: Mewaram

Overview

दाराशुकोह—एक ऐसा श्हज़ादा जिसको पंडितराज जन्नाथ जैसे विक्षन से संस्कृत का ज्ञान प्राप्त हुआ, फारसी के विद्वान मुल्ला अब्दुल लतीफ सुलतानपुरी से कुरआन एवं फारसी काव्य-ग्रन्थों के साथ-साथ इतिहास की शिक्षा मिली तथा सू$फी सन्त सरमद, मुल्लाशाह बदख्शी, शेख मुहीबुल्ला इलाहाबादी, शाह दिलरुबा और शेख मुहसिन फानी जिनके आध्यात्मिक और दार्शनिक मागर्दशक रहे—ऐसे युगपुरुष के जीवन का अबतक बहुत कुछ अनछुआ ही रहा। इस कमी को उपन्यासकार मेवाराम ने इस वृहद् उपन्यास में समकालीन सन्दर्भों में उद्घाटित किया है।

Price     Rs 700/-

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दाराशुकोह—एक ऐसा श्हज़ादा जिसको पंडितराज जन्नाथ जैसे विक्षन से संस्कृत का ज्ञान प्राप्त हुआ, फारसी के विद्वान मुल्ला अब्दुल लतीफ सुलतानपुरी से कुरआन एवं फारसी काव्य-ग्रन्थों के साथ-साथ इतिहास की शिक्षा मिली तथा सू$फी सन्त सरमद, मुल्लाशाह बदख्शी, शेख मुहीबुल्ला इलाहाबादी, शाह दिलरुबा और शेख मुहसिन फानी जिनके आध्यात्मिक और दार्शनिक मागर्दशक रहे—ऐसे युगपुरुष के जीवन का अबतक बहुत कुछ अनछुआ ही रहा। इस कमी को उपन्यासकार मेवाराम ने इस वृहद् उपन्यास में समकालीन सन्दर्भों में उद्घाटित किया है।
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