Aadibhoomi
view cart- 0 customer review
Aadibhoomi
Number of Pages : 510
Published In : 2014
Available In : Hardbound
ISBN : 81-263-0129-6
Author: Dr. Pratibha Rai
Overview
"संस्कृति को सिर्फ बाहर से नहीं देखा जा सकता और न ही यह दिखाने की चीज़ है। बाहर-बाहर से देखकर इसे पूरी तरह अभिव्यक्त कर पाना सम्भव भी नहीं है। दरअसल संस्कृति को अपने अन्दर अनुभव कर, उसमें रच-बस कर ही उसकी बहुरंगी छवियाँ उकेरी जा सकती हैं। प्रख्यात उडिय़ा कथाकार प्रतिभा राय ने अपने इस उपन्यास 'आदिभू्मि’में यही किया है।`’ 'आदिभू्मि’उड़ीसा के बोंडा आदिवासी जन-जीवन और उसके परिवेश की जीवन्त कथा है। इसमें आदिम मानव-समाज का प्रतिनिधित्व कर रही बोंडा जनजाति की धडक़न है। यह बोंडा के पारम्परिक जीवन-मूल्यों, आवेगों और विश्वासों के साथ ही आज के सांस्कृतिक और आॢथक वैश्वीकरण के दौर में विकास के नाम पर आधुनिक समाज द्वारा हो रहे उसके दोहन-शोषण और उससे उपजी विकृतियों की गाथा है। इस उपन्यास में पाँच पीढिय़ों की कहानी है, जिसमें प्रागैतिहासिक बोंडा जीवन और समाज के सुख-दुख, जय-पराजय, उसके द्वन्द्व और संघर्ष आदि विविध पक्षों को लेकर पूरी एक शताब्दी में फैले कथानक का ताना-बाना बुना गया है। कहा जा सकता है कि यह हमारे समय का, मानव के शुद्ध रूप और उसकी सात्त्विक सम्भावना का एक विराट् फलक पर रचा गया महत्त्वपूर्ण औपन्यासिक दस्तावेज़ है। प्रस्तुत है कथा-साहित्य के सुधी पाठकों के लिए प्रतिभा राय के बहुप्रशंसित उपन्यास 'आदिभू्मि’का नया संस्करण।"
Price Rs 620/-
Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Oh, These Rehnumas!
The focal leitmotif of the novel Oh, These Rehnumas! is to bring out the representative voices o
Aadhunik Hindi Gadya Sahitya Ka Vikas Aur Vishleshan
प्रख्यात आलोचक विजय मोहन ङ्क्षसह की
Kaatna Shami Ka Vriksha Padma-Pankhuri Ki Dhar Se
काटना शमी का वृक्ष पद्मपखुरी की धार स