Samne Ka Aasman
view cart- 0 customer review
Samne Ka Aasman
Number of Pages : 378
Published In : 2010
Available In : Hardbound
ISBN : 9788126320028
Author: Madhur Kapila
Overview
"सामने का आसमान 'सामने का आसमान’वरिष्ठï लेखिका मधुर कपिला का नवीनतम उपन्यास है। इसके बारे में स्वयं लेखिका का कहना है—''एक छोटा-सा कण, एक छोटा-सा बिन्दु, एक छोटी-सी बात, एक छोटी-सी घटना सृजन का कारण बन सकती है। ऐसी ही कोई बात आपके जीवन से, आपके घर से, आपके परिवेश से या फिर पूरी व्यवस्था से निकलकर आपकी अपनी निजी बन, आपको उद्वेलित करती रहती है और तब तक आपके पूरे वजूद को अपनी गिरफ्त में लिये रहती है, जब तक उसे कोई आकार नहीं मिल जाता।’’ लेखिका ने 'सामने का आसमान’लिखना वर्ष 1998 में शुरू किया। सतत रूप से वह इसकी कथावस्तु, शिल्प-सौष्ठïव से जूझती रहीं, उसे शोधित-परिमार्जित करती रहीं। फलस्वरूप आज लगभग बारह साल बाद यह उपन्यास अपना अन्तिम रूप पा सका। आधुनिक संवेदना के साथ लिखा गया यह उपन्यास मानव मन की गहराइयों में छिपे कोलाहल को शब्द देता है। यह उपन्यास लेखिका के लम्बे जीवनानुभव का दस्तावेज सरीखा है। रंगकर्म इसमें अपने समस्त आरोह-अवरोह के साथ समाहित है। एक स्वागत योग्य उपन्यास। "
Price Rs 380/-
Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Oh, These Rehnumas!
The focal leitmotif of the novel Oh, These Rehnumas! is to bring out the representative voices o
Aadhunik Hindi Gadya Sahitya Ka Vikas Aur Vishleshan
प्रख्यात आलोचक विजय मोहन ङ्क्षसह की
Kaatna Shami Ka Vriksha Padma-Pankhuri Ki Dhar Se
काटना शमी का वृक्ष पद्मपखुरी की धार स