Ghar Ka Aakhiri Kamra
view cart
Availability :
Stock
- 0 customer review
Ghar Ka Aakhiri Kamra
Number of Pages : 148
Published In : 2012
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-5026-6
Author: Priyadarshan Malviya
Overview
भारतीय युवा की कुछ ऐसी नियति हो रही है की उसे प्राय: बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ता है. एक पड़े-लिखे मुसलमान युवा की स्थिति तो और भी दयनीय होती है. अपने हुनर के कारण उसके संगी-साथी किसी-न-किसी काम में लग जाते हैं और इस प्रकार वे पूरी तरह से बेरोजगार नहीं होते. मगर एक पड़े-लिखे मुस्लिम बेरोजगार का दर्द दोहरा होता है. लेखक ने इस उपन्यास के माध्यम से अपनी इसी बात को ठीक से रख पाने का प्रयास किया है.
Price Rs 150/-
Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.
भारतीय युवा की कुछ ऐसी नियति हो रही है की उसे प्राय: बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ता है. एक पड़े-लिखे मुसलमान युवा की स्थिति तो और भी दयनीय होती है. अपने हुनर के कारण उसके संगी-साथी किसी-न-किसी काम में लग जाते हैं और इस प्रकार वे पूरी तरह से बेरोजगार नहीं होते. मगर एक पड़े-लिखे मुस्लिम बेरोजगार का दर्द दोहरा होता है. लेखक ने इस उपन्यास के माध्यम से अपनी इसी बात को ठीक से रख पाने का प्रयास किया है.
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Novel
Oh, These Rehnumas!
The focal leitmotif of the novel Oh, These Rehnumas! is to bring out the representative voices o
Rs 300/-
Novel
Aadhunik Hindi Gadya Sahitya Ka Vikas Aur Vishleshan
प्रख्यात आलोचक विजय मोहन ङ्क्षसह की
Rs 280/-
Novel
Kaatna Shami Ka Vriksha Padma-Pankhuri Ki Dhar Se
काटना शमी का वृक्ष पद्मपखुरी की धार स
Rs 550/-