Kore Kagaz
view cart
Availability :
Stock
- 0 customer review
Kore Kagaz
Number of Pages : 96
Published In : 2015
Available In : Hardbound
ISBN : 81-263-1206-8
Author: Amrita Pritam
Overview
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित अमृता प्रीतम का महत्वपूर्ण लघु उपन्यास है कोरे कागज़! नाम जरूर है कोरे कागज़ मगर एक युवा मन की कितनी कातरता कितनी बैचैनी इसमें उभरकर आयी है इसका अनुमान आप उपन्यास प्रारम्भ करते ही लगा लेगें ! चौबीस वर्षीय पंकज को जब यह पता चलता है कि उसकी माँ उसकी माँ नहीं थी, तब अपनी असली माँ अपने असली बाप को जानने की तड़प उसे दीवानगी की हदों तक ले जाती है ! उसकी अपनी पहचान जैसे खुद उसके लिए अजनबी बन जाती है! कुवांरी माँ का नाजायज बेटा- उसकी और उसके बाप के बीच एक ही रिश्ता तो कायम रह सकता था-कोरे कागज़ का रिश्ता!
Price Rs 100
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित अमृता प्रीतम का महत्वपूर्ण लघु उपन्यास है कोरे कागज़! नाम जरूर है कोरे कागज़ मगर एक युवा मन की कितनी कातरता कितनी बैचैनी इसमें उभरकर आयी है इसका अनुमान आप उपन्यास प्रारम्भ करते ही लगा लेगें ! चौबीस वर्षीय पंकज को जब यह पता चलता है कि उसकी माँ उसकी माँ नहीं थी, तब अपनी असली माँ अपने असली बाप को जानने की तड़प उसे दीवानगी की हदों तक ले जाती है ! उसकी अपनी पहचान जैसे खुद उसके लिए अजनबी बन जाती है! कुवांरी माँ का नाजायज बेटा- उसकी और उसके बाप के बीच एक ही रिश्ता तो कायम रह सकता था-कोरे कागज़ का रिश्ता!
Add a Review
Your Rating
You May also like this
Novel
Aadhunik Hindi Gadya Sahitya Ka Vikas Aur Vishleshan
प्रख्यात आलोचक विजय मोहन ङ्क्षसह की
Rs 280/-
Novel
Kaatna Shami Ka Vriksha Padma-Pankhuri Ki Dhar Se
काटना शमी का वृक्ष पद्मपखुरी की धार स
Rs 550/-