Huzur-e-Aala
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Huzur-e-Aala
Number of Pages : 136
Published In : 2016
Available In : Hardbound
ISBN : 978-93-263-5452-3
Author: Shiv Sharma & Romesh Joshi
Overview
मन में आए सो करते हुए राजासाब का धर्म पालन कार्यक्रम बम्बई में भी जारी रहता। शराब पीते तो ध्यान रखते कि सर्व करने वाला या वाली मुसलमान होता या होती तो बोतल पर, पेग पर गंगाजल छिड़का जाता। मटन-चिकन आदि अगर मुसलमान खानसामे ने बनाया या किसी मुसलमान ने सर्व किया है, तो प्लेट पर गंगाजल छिड़कने के बाद ही राजासाब उसे छूते। सुना जाता है, जब राजा विजयसिंग बबली पर जान छिड़कने लगे, तब एक बार बबली के अनुरोध पर शायद गंगाजल का स्टॉक खत्म हो जो के कारण उन्होंने इस परम्परा का उल्लंघन किया। गंगाजल का स्टॉक समाप्त होने की जानकारी गलत है, क्योंकि नियम यह था कि गंगाजली में से जितना पानी उपयोग के लिए निकाला जाता, उतना ही सादा पानी उसमें डाल दिया जाता। इस प्रकार मिश्रित कहें या होम्ययपेथिक डोज कहें, गंगाजल का अंश उस पानी में सदा बना रहता।
Price Rs 200
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